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समाचार ब्यूरो 01/06/2018 :12:51
आस्पताल प्रशाशन से कैसे हो सकती है इतनी बड़ी भूल? डिलेवरी के दौरान डॉक्टर से कटा बच्चे का गला,!
 

आस्पताल प्रशाशन से कैसे हो सकती है इतनी बड़ी भूल? डिलेवरी के दौरान डॉक्टर से कटा बच्चे का गला,!

 

न्यूज़ ग्राउंड (सुल्तानपुर) आकाश मिश्रा : आज के इस आधुनिक युग में अस्पतालों में इतनी सुविधा होने के बाद भी आस्पताल प्रशासन से कैसे हो सकती है इतनी बड़ी भूल के एक नवजात सिसु को उसका अंजाम भुगतना पड़े  सुल्तानपुर यू.पी में ऑपरेशन के दौरान नवजात की गर्दन कटने का मामला सामने आया है। घटना से आक्रोशित परिजनों और डॉक्टर के बीच नोकझोंक भी हो गई। हालांकि, डॉक्टर का तर्क है कि बच्चा गर्भ में मर चुका था। अगर ऑपरेशन करके उसे बाहर नहीं निकाला जाता, तो मां की जान को खतरा हो सकता था।परिजनों पर मारपीट का केस दर्ज कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के बालमपुर निवासी सुनील सोनी ने बताया कि मंगलवार को लेबर पेन होने पर पत्नी कुसुम को जिला महिला चिकित्सालय में एडमिट कराया था। यहां नॉर्मल डिलेवरी के लिए नर्स कुसुम उसे लेबर रूम में ले गई। कुछ देर बाद केस बिगड़ने की बात कहकर कुसुम को ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। ऑपरेशन डॉ. केके भट्ट ने किया। सुनील का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही से किसी औजार से बच्चे की गर्दन कट गई। डॉक्टर ने अपनी गलती छुपाने के लिए बच्चे को मृत बताते हुए तुरंत अंतिम संस्कार करने की बात कही। लेकिन परिजन मामले को भांप गए। हालांकि डॉक्टर भट्ट ने कहा कि उन्होंने नॉर्मल डिलेवरी की कोशिश की थी। बच्चे का पैर बाहर निकल आया था, लेकिन सिर अंदर अटक गया था। लंबे समय तक अटके रहने से उसकी मौत हो गई थी। परिजनों से सलाह करके ही ऑपरेशन किया गया था। अगर ऐसा न करते, तो महिला की जान जा सकती थी। उधर, कलेक्टर विवेक कुमार ने सीएमओ इस मामले की जांच करने को कहा था। सीएमओ ने बुधवार शाम को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इसमें डॉक्टर को क्लीन चिट दी गई। इसके बाद डॉक्टर से मारपीट करने पर परिजनों के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया गया है। बच्चे के पिता का आरोप है कि उन्होंने पुलिस में लिखित शिकायत की थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 



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