देश की सबसे बड़ी गैस वितरक कंपनी गेल अगले
पांच साल में इंफ्रास्ट्रक्चर पर 1.05 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस
निवेश के जरिए कंपनी पाइपलाइन, गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और
पेट्रोकेमिकल उत्पादन की झमता का विस्तार किया जाएगा। यह बात सोमवार को गेल के नए
चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज जैन ने कही।
एनर्जी बास्केट में बढ़ाई जाएगी गैस की
हिस्सेदारी
मनोज जैन ने कहा कि ईस्ट और नॉर्थईस्ट क्षेत्र
में ईंधन की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन का विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही साउथ के
लोगों के लिए ईंधन आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2030
तक एनर्जी बास्केट में गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाकर मौजूदा 6.2
फीसदी से 15 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है। मनोज जैन ने कहा
कि पाइपलाइन बिछाने पर 45 से 50 हजार
करोड़ रुपए, पेट्रोकेमिकल उत्पादन झमता बढ़ाने पर 10
हजार करोड़ रुपए और सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कारोबार पर 40 हजार
करोड़ रुपए की पूंजी का निवेश किया जाएगा। मनोज का कहना है कि प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के उद्देश्य
से गेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर यह निवेश करेगी।
गेल के पास 12,160 किमी
लंबा पाइपलाइन नेटवर्क
मौजूदा समय में गेल 12,160
किलोमीटर लंबी पाइपलाइन ऑपरेट करती है। देश के कुल नेचुरल गैस कारोबार में गेल की
एकतिहाई हिस्सेदारी है। कंपनी अपनी लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) आयात झमता को
भी बढ़ाएगी। देश की सबसे बड़ी एलएनजी आयातक कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड में
हिस्सेदारी के अलावा गेल के पास 5 मिलियन टन झमता का अपना एलएनजी प्लांट
भी है। यह प्लांट महाराष्ट्र के दाभोल में स्थित है।