तकनीकी वस्त्रों में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर जोर देने के साथ, दिशानिर्देश व्यावसायीकरण सहित प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के प्रोटोटाइप का अनुवाद करने के लिए व्यक्तियों और कंपनियों का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करता है। ग्रेट दिशा-निर्देशों में एग्रीकल्चर-टेक्सटाइल, बिल्डिंग-टेक्सटाइल, जियो-टेक्सटाइल, होम-टेक्सटाइल, मेडिकल-टेक्सटाइल, मोबाइल-वस्त्र, पैकेजिंग-वस्त्र, प्रोटेक्टिव-टेक्सटाइल, स्पोर्ट्स-टेक्सटाइल सहित तकनीकी वस्त्र अनुप्रयोग क्षेत्रों, उच्च प्रदर्शन फाइबर और कंपोजिट का विकास, टिकाऊ और पुनर्नवीनीकरण कपड़ा सामग्री, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 3डी/4डी प्रिंटिंग और रैपिड प्रोटोटाइप का उपयोग करके स्मार्ट वस्त्र और अन्य बातों के साथ-साथ स्वदेशी उपकरण/औजारों के विकास पर जोर दिया गया है।
इनक्यूबेटरों को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्रालय इनक्यूबेटरों को कुल सहायता अनुदान का 10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रदान करेगा। परियोजना के प्रति प्रामाणिकता और प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए, इनक्यूबेटरों द्वारा दो समान किस्तों में वित्त पोषण का न्यूनतम 10 प्रतिशत निवेश अनिवार्य है। स्टार्टअप दिशानिर्देश (ग्रेट) भारत में टेक्नीकल टेक्सटाइल स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए बहुत जरूरी प्रोत्साहन देने के लिए है, विशेष रूप से जैविक रूप से नष्ट होने वाला और टिकाऊ कपड़ा, उच्च प्रदर्शन और विशेष फाइबर, स्मार्ट वस्त्र जैसे विशिष्ट उप-क्षेत्रों में।
मंत्रालय ने 26 संस्थानों को तकनीकी वस्त्रों के अनुप्रयोग क्षेत्रों में अपनी प्रयोगशाला अवसंरचना के उन्नयन और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए भी मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने प्रमुख विभागों/विशेषज्ञताओं में तकनीकी वस्त्र पाठ्यक्रम/पेपर्स तथा तकनीकी वस्त्रों में नए डिग्री कार्यक्रम प्रारंभ करने के लिए 26 संस्थानों के आवेदनों को अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
इसके लिए, 151.02 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई, जिसमें 105.55 करोड़ रुपये के 15 आवेदन सार्वजनिक संस्थानों से हैं और 45.47 करोड़ रुपये के 11 आवेदन निजी संस्थानों से हैं।
इस योजना के तहत वित्त पोषित किए जाने वाले कुछ प्रमुख संस्थानों में आईआईटी दिल्ली, एनआईटी जालंधर, एनआईटी दुर्गापुर, एनआईटी कर्नाटक, एनआईएफटी मुंबई, आईसीटी मुंबई, अन्ना विश्वविद्यालय, पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, एमिटी विश्वविद्यालय शामिल हैं।
विशेष रूप से, वस्त्र प्रौद्योगिकी और फाइबर विज्ञान से संबंधित विभागों सहित मौजूदा पाठ्यक्रमों के उन्नयन के लिए प्रदान की जाने वाली अधिकांश धनराशि विशेष फाइबर सहित तकनीकी वस्त्रों के सभी अनुप्रयोग क्षेत्रों में पाठ्यक्रमों को अपग्रेड करने के लिए प्रदान की जाएगी। डिजाइन/सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित विभाग जियोटेक्सटाइल्स एंड बिल्डिंग टेक्सटाइल्स में पाठ्यक्रमों को अपग्रेड करेगा। फैशन टेक्नोलॉजी/डिजाइन स्मार्ट टेक्सटाइल, प्रोटेक्टिव टेक्सटाइल, स्पोर्ट्स टेक्सटाइल, होम टेक्सटाइल, क्लॉथ टेक्सटाइल में पाठ्यक्रमों को अपग्रेड करेगा। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग मोबाइल टेक्सटाइल,इंडस्ट्रियल टेक्सटाइल में पाठ्यक्रमों को अपग्रेड करेगा। टेक्नीकल टेक्सटाइल के सभी अनुप्रयोग क्षेत्रों पर विशेष महत्व देते हुए टेक्नीकल टेक्सटाइल में एक नया स्नातक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।