उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दी कि वे इस 2-सप्ताह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम से मिली सीख को नए विचारों और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के रूप में अपनाएं और उन्हें समाज की व्यापक भलाई के लिए एक मापदंड के रूप में उपयोग करें। बांग्लादेश के अधिकारियों ने कार्यक्रम के डिजाइन और संसाधन व्यक्तियों के रूप में आए उच्च योग्य डोमेन विशेषज्ञों और प्रतिष्ठित लोगों को सुनने और चर्चा करने के अवसर की सराहना की। अब तक, विदेश मंत्रालय के सहयोग से और ढाका में भारतीय मिशन के साथ निकट सहयोग से, एनसीजीजी ने बांग्लादेश के लगभग 2469 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया है।
पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह ने अपने संबोधन में दोनों कार्यक्रमों में शामिल विषयों की विविधता पर प्रकाश डाला। इन पहलों में शासन, डिजिटल परिवर्तन, विकासोन्मुखी योजनाएं और टिकाऊ कार्यप्रणालियों के विभिन्न पहलू शामिल हैं। कवर किए गए विषयों में शासन के बदलते प्रतिमान, आपदा प्रबंधन, अखिल भारतीय सेवाओं का अवलोकन, नेतृत्व और संचार, ई-गवर्नेंस, डिजिटल इंडिया, उमंग, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण, सतर्कता प्रशासन, भ्रष्टाचार विरोधी रणनीतियां, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा में डिजिटल प्रशासन, मुद्रा योजना आदि शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कार्यक्रम के प्रतिभागियों को एक्सपोज़र विजिट में भाग लेने का बहुमूल्य अवसर मिला, जो उनकी समग्र शिक्षण यात्रा को विस्तार देने वाला साबित हुआ। नियोजित दौरों में हरिद्वार में जिला प्रशासन, नेट ज़ीरो परियोजना और प्रधानमंत्री संग्रहालय सहित अन्य शामिल थे। प्रतिभागियों ने ताज महल का भी दौरा किया।