पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन ढांचागत विकास
योजनाओं ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’
के तहत मेघालय, गुजरात और उत्तर प्रदेश में 190.46
करोड़ रुपये की चार नई परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन नई परियोजनाओं का विवरण निम्नलिखित
हैं :-
पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के उत्तर-पूर्व
सर्किट के तहत मेघालय के पश्चिम खासी पहाड़ियों के विकास (नान्गख्लाव – क्रेम
टिरोट – खुदोई और कोहमांग फॉल्स –
खरी नदी – मावथडराइशन, शिलांग),
जैनतिया पहाड़ी (क्रांग सूरी फॉल्स–शिरमांग-लुक्सी),
गारो पहाड़ी (नॉकरेक रिजर्व, कट्टा बील,
सिजू गुफा) में 84.95 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी
है। ये परियोजनाएं मेघालय की कम चर्चित जगहों के विकास पर केन्द्रित है। मंत्रालय
इस परियोजनाओं के जरिये मेघालय में उत्सव मैदान, पर्यटन
सुविधा केन्द्र, जन सुविधाएं, केबल पुल,
कैफेटेरिया, ट्रेकिंग रूट, वोटिंग
सुविधा, ठोस कचरा प्रबंधन, पेयजल सुविधा, पर्यटक
केन्द्र, साहसिक खेल गतिविधियां, हस्तशिल्प बाजार इत्यादि विकसित
करेगा।
स्वदेश दर्शन योजना के आध्यात्मिक सर्किट के
तहत गोरखनाथ मंदिर (गोरखपुर), देवीपट्टन मंदिर, बलरामपुर
और वात्वासनी मंदिर (डुमरियागंज) के विकास के लिए 21.16 करोड़
रुपये को मंजूरी दी। इसके तहत पर्यटन सुविधा केन्द्र, शौचालय,
आश्रय गृह, सीसीटीवी कैमरा, कूड़ेदान,
सूचनात्मक एवं निर्देशात्मक संकेतकों इत्यादि का विकास किया
जाएगा।
प्रसाद योजना के तहत मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश
के मथुरा जिले में ‘गोवर्धन के विकास’ के लिए 39.74
करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। इसके तहत गोवर्धन परिक्रमा मार्ग,
कुसुम सरोवर, चन्द्रा सरोवर और मानसी गंगा का विकास
किया जाएगा। परियोजना के तहत बस स्टैंड, शौचालय, घाटों
का सौन्दर्यीकरण, पार्किंग इत्यादि का विकास किया जाएगा।
मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत 44.59
करोड़ रुपये की ‘सोमनाथ- फेज-2 में
तीर्थाटन सुविधाओं का विकास’ परियोजना को मंजूरी दी है। इसके तहत पथ
निर्माण, बैठने की व्यवस्था, पेयजल सुविधा, रोशनी,
ठोस कचरा प्रबंधन इत्यादि का विकास किया जाएगा।
पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन स्थलों की थीम
आधारित एकीकृत विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना की शुरूआत की और तीर्थस्थल
संरक्षण एवं आध्यात्मिक विकास के लिए प्रसाद परियोजना की शुरूआत की।