पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जवाहरलाल नेहरू
रोड पर देश की सबसे ऊंची इमारत 'द 42' चौरंगी
बनकर तैयार हो गई है। 65 मंजिली इमारत 'द 42'
की लंबाई 268 मीटर है। इसने देश की सबसे ऊंची
गगनचुंबी इमारत का खिताब मुंबई की इम्पीरियल बिल्डिंग से छीन लिया है। इमारत के
सामने बड़ा मैदान है और उससे आगे हुगली नदी बहती हुई दिखती है। कोलकाता की दूसरी
सबसे ऊंची इमारत अरबाना है। यह 167.6 मीटर ऊंची इमारत है। फोरम एमॉटस्फीयर
और वेस्टिन क्रमश: 152 मीटर और 150 मीटर
ऊंची इमारतें हैं।
इसके बाद 100 मीटर से
अधिक ऊंची 13 इमारतों भी इस शहर हैं, जिनमें
साउथ सिटी, आइटीसी रॉयल बंगाल और एक्रोपोलिस शामिल हैं।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि भारत में सबसे ज्यादा हाई-राइज बिल्डिंग्स मुंबई
में हैं, जहा इनकी संख्या 3000 से ज्यादा है। इसमें रिहायशी, कमर्शियल
और रिटेल कॉम्पलेक्स शामिल हैं।
इतना ही नहीं देश की सबसे ऊंची दस इमारतों में
से नौ केवल मुंबई में ही हैं। आपको बता दें कि साल 2017 में
दुनिया में 200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली 144
इमारतें बनी थीं, जिसमें से भारत में इतनी ऊंचाई की महज तीन
इमारतें ही थीं। देश में 2010 में पहली बार 200
मीटर ऊंचाई की दो इमारतें बन कर तैयार हुई थीं। चीन पिछले दस वर्ष से लगातार
गगनचुंबी इमारतें बनाने के मामले में विश्व का नंबर एक देश बना हुआ है। अब देश की
दूसरी बड़ी इमारतों पर भी एक नजर डाल लेते हैं
मुंबई की इंपीरियल बिल्डिंग कभी भारत की सबसे
ऊंची इमारत हुआ करती थी, लेकिन अब यह दूसरे नंबर पर आ गई है।
इसका डिजाइन मशहूर आर्किटेक्ट हाफिज कांट्रेक्टर ने तैयार किया था। साउथ मुंबई
की यह इमारत से भले ही आज भारत की सबसे ऊंची इमारत होने का तमगा छिन गया हो लेकिन
आज भी यह मुंबई की पहचान है। इस इमारत की जगह कभी स्लम हुआ करता था, लेकिन
बाद में यहां पर रहने वालों को नई जगह पर बसाया है। यह इमारत करीब 256
मीटर (840 फीट) ऊंची है। इसके दो अलग-अलग टावर हैं जिनमें 60
फ्लोर हैं। यह शपूरजी पालोनजी और दिलीप ठाकर का ज्वाइंट वेंचर प्रोजेक्ट है,
जो 2010 में बनकर तैयार हुआ था।
आहुजा टावर वर्तमान में भारत की तीसरी और मुंबई
की दूसरी सबसे ऊंची इमारत है। यह करीब 248.5 मीटर
ऊंची (815 फीट) ऊंची है। इसमें फ्लोर की संख्या 54 है और
यह पूरी तरह से रेजिडेंशियल है। यह 2014 2010 में
बनकर तैयार हुआ था।
वन अविघना पार्क वर्तमान में देश में चौथी सबसे
ऊंची इमारतों में शामिल है। इसकी ऊंचाई 247 मीटर (810
फीट) है। पूरी तरह से रेजिडेंशियल इस बिल्डि़ग में 61 फ्लोर
हैं। यह मुंबई के लॉवर परेल में स्थित है। इस लग्जरी रेजिडेंशियल टावर को कई
अवार्ड मिल चुके हैं। यह इमारत 2017 में बनकर तैयार हुई थी।
लोधा अल्टामाउंट देश की पांचवीं सबसे ऊंची
इमारतों में शामिल है। यह भी मुंबई में स्थित है। इसकी ऊंचाई करीब 240
मीटर (787 फीट) है। आपको बता दें कि अल्टामाउंट रोड की गिनती दुनिया की दसवीं
सबसे महंगी सड़कों में की जाती है। 40 मंजिला इस इमारत के पास ही मुकेश
अंबानी और कुमारमंगलम बिड़ला का भी घर है। यह इमारत 2018 में
बनकर तैयार हुई थी।
ऑरिस सेरेनिटी टावर भी मुंबई में ही है और देश
की छठी सबसे ऊंची इमारत है। यह 235 मीटर (771 फीट)
ऊंची है। पूरी तरह से रेजिडेंशियल यह इमारत 69 मंजिला
है। यह इमारत 2018 में बनकर तैयार हुई थी। यह इमारत 2018
में बनकर तैयार हुई थी।
टू आईसीसी भी मुंबई में ही है, जो
223.2 मीटर (732 फीट) ऊंची है। यह इमारत 69
मंजिला है और 2018 में बनकर तैयार हुई थी।
वर्ल्ड क्रेस्ट भी मुंबई में ही है, जो
222.5 मीटर (730 फीट) ऊंची है और देश की आठवीं सबसे ऊंची इमारत
है। यह इमारत 57 मंजिला है और 2014 में
बनकर तैयार हुई थी। इसका काम 2011 में शुरू हुआ था इस पर 321
मिलियन यूएस डॉलर की लागत आई थी। लॉवर परेल में स्थित यह इमारत करीब सात हैक्टेयर
इलाके में बनी है।
लोधा वेनेजिया देश की नौवीं सबसे ऊंची इमारत है
जो 213 मीटर (700 फीट) से अधिक ऊंची है। यह इमारत 68
मंजिला है और 2017 में बनकर तैयार हुई थी।
लोधा बेलिसिमो टावर भी मुंबई में ही है और देश
की दसवीं सबसे ऊंची इमारत का तमगा इसके ही पास है। यह करीब 197.5 मीटर
(648 फीट) ऊंची है। 53 मंजिला यह इमारत 2012 में
बनकर तैयार हुई थी।